Skip to content Skip to sidebar Skip to footer

What Is Rajju Dosha In Kundli In Hindi

What is rajju dosha in kundli in hindi

What is rajju dosha in kundli in hindi

Dangerous dosh in Kundali: किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसकी कुंडली विशेष महत्व रखती है. जन्म की तारीख, जन्मस्थान और जन्म के समय के आधार पर ग्रह नक्षत्रों की गणना होती है, जिससे कुंडली में मौजूद गुण-दोषों के बारे में पता चलता है. ज्योतिष के अनुसार कुंडली में मौजूद दोष जीवन की बहुत सी चीजें तय करते हैं.

रज्जू दोष कैसे रद्द किया जाता है?

ऐसा माना जाता है कि लड़के और लड़की की राशि के स्वामी एक ही ग्रह हैं या यदि वे परस्पर मित्र हैं तो रज्जू दोष पर विचार नहीं किया जा सकता है और उक्त दोष के बावजूद कुंडली मिलान किया जा सकता है।

क्या रज्जू पोरुथम के बिना शादी करना ठीक है?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली मिलान (गुण मिलन) के दौरान लड़की और लड़के के रज्जू पोरथम का विस्तार से अध्ययन किया जाना चाहिए। रज्जू पोरुथम निर्धारित करता है कि पति कब तक जीवित रहेगा। अगर मैच मैचिंग के दौरान नजरअंदाज किया गया तो शादी के तुरंत बाद पति की मौत हो सकती है ।

विवाह के लिए कितने पोरुथम होने चाहिए

मूल रूप से, ऋषियों द्वारा 20 पुरुथमों का चार्ट बनाया गया था, लेकिन आज केवल दस पुरथम ही यह निर्णय लेने के लिए पर्याप्त हैं कि जो लड़का और लड़की शादी करना चाहते हैं, उन्हें इसके साथ आगे बढ़ना चाहिए या नहीं।

भकूट दोष क्या होता है?

वर-वधु की कुंडली मिलान के दौरान भकूट दोष खास तौर पर देखा जाता है. यह दोष तब बनता है जब वर-वधु की कुंडली में चंद्रमा 6-8 भाव में स्थित रहे. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यह दोष बहुत खतरनाक होता है. शादी के बाद यह दोष पति-पत्नी दोनों के लिए काष्ट का कारण बनता है.

मातृ ऋण क्या होता है?

2. मातृ ऋण : जब कुंडली में चन्द्रमा द्वितीय एवं चतुर्थ भाव से बाहर कहीं भी स्थित हो तथा चतुर्थ भाव में केतु हो तो व्यक्ति मातृ-ऋण से पीड़ित रहता है। अर्थात चन्द्रमा विशेषतः 3,6,8,10,11,12 भावों में स्थित हो तो। इसके अलावा जब केतु कुंडली के चौथे भाव में बैठा हो तब भी मातृ ऋण माना जाता है।

अपनी माँ की गोत्र में शादी कैसे कर सकते है?

हिंदू धर्म में एक ही गोत्र में शादी करने की अनुमति नहीं दी जाती है। एक ही गोत्र के होने के कारण गुण सूत्र एक जैसे होते हैं। समान गुण सूत्र होने के कारण शादी करने से कई तरह ही समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इस तरह के विवाह से पैदा हुए संतान में कई तरह के रोग और कई तरह के अवगुण पाए जाते हैं।

मुस्लिम समाज में शादी कैसे होती है?

बता दें कि रमजान का महीना चल रहा है, जिसे मुस्लिम समाज के लोग दिनभर रोजा रखते हैं. रमजान के बीच मुस्लिम परिवार ने पड़ोसी बेटी की शादी के लिए अपना आंगन खाली कर दिया जहां शादी का मंडप बना था, उस जगह को अच्छे से सजाया गया और मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई.

लड़के की शादी में क्या क्या होता है?

Shadi Ke Baad Pehli Raat Kya Hota Hai

  • थकान की वजह से सो जाते हैं
  • शादी के कपड़ों और सामान से निजात पाना ...
  • दोस्‍तों और रिश्‍तेदारों की मजाक मस्‍ती से निपटना ...
  • दिल खोल कर बातें करना ...
  • साथ में नहाना ...
  • दुल्हन के उपहारों को खोलना ...
  • शादी के तोहफे खोलना ...
  • के बारे में सोचना

प्रेम विवाह कब होता है?

जब सातवें भाव का स्वामी सातवें में हो तब भी प्रेम-विवाह हो सकता है। 9. शुक्र या चन्द्रमा लग्न से पंचम या नवम हों तो प्रेम विवाह कराते हैं।

प्रेम विवाह सफल क्यों नहीं होता?

कुछ नया रोचक ना हो तो अच्छी से अच्छी चीजे भी उबाऊ हो जाती है, प्रेम को चाहिए हमेशा रोचकता अर्थात चीजे बुरी होने लगती है। 4. प्रेम विवाह के पश्चात प्रेमियों को कुछ नया जानने को नहीं मिलता जिससे वो विवाह के पश्चात ज्यादा उत्साहित नहीं होते।

कुंडली में प्रेम विवाह योग कैसे देखे?

कुंडली में सप्तम स्थान होता है विवाह का सप्तमेश यदि पंचम स्थान के मालिक के साथ 3, 5, 7, 11 और 12वें भाव में स्थित हो तो जातक प्रेम विवाह अवश्य करता है. पंचम स्थान प्रेम संबंध तथा मित्रों का माना जाता है. ऐसे में सप्तमेष का संबंध पंचमेश से हो जाए तो व्यक्ति के प्रेम विवाह करने के योग बनते हैं.

भकूट 7 के होने पर क्या होता है?

भकूट कूटा स्कोर करने के लिए अधिकतम अंक 7 अंक हैं। यदि दोनों भागीदारों के स्वामी एक ही राशि के हों, तो जोड़े को 7 अंक दिए जाते हैं । 1/1, 1/7, 2/12, 3/11, 4/10, 5/9, और 6/8 कुंडली बाजार में भकूट कूट के तहत संभव संयोजनों का पूरा सेट है।

भकूट 0 है तो क्या शादी करनी चाहिए?

यदि भकूट मिलान परिणाम 0 अंक है, तो हम कह सकते हैं कि संबंधित लड़के और लड़की की कुंडली मिलान में भकूट दोष मौजूद है। दूसरों के विपरीत, भकूट स्कोर या तो शून्य या अधिकतम होता है। तो अंततः एक जोड़े के लिए, भकूट मिलान से केवल दो संभावित परिणाम हैं ।

भकूट दोष कितना गंभीर है

यदि भकूट दोष को अनसुलझा छोड़ दिया जाए, तो यह वर-वधू के जीवन में कई दुष्परिणामों का कारण हो सकता है। किसी साथी को प्रभावित करने वाली कोई गंभीर बीमारी या आकस्मिक दुर्घटनाएं होने की प्रबल संभावना है । दंपति के बीच शारीरिक असंगति की संभावना बहुत अधिक होती है, जिससे वैवाहिक जीवन अधूरा रहता है।

कैसे पहचाने घर में पितृ दोष है?

कैसे पहचाने घर में पितृ दोष है ? ( पितृ दोष होने पर वैवाहिक जीवन में सदा तनाव बना रहता है. पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते हैं. परिवार में एकता नहीं होती. अक्सर घर में क्लेश होते है, मानसिक शांति नहीं मिलती, बिना बात के घर में लड़ाई होना पितृ दोष के लक्ष्ण हैं.

स्त्री दोष क्यों होता है?

इस दोष का शिकार पति की पत्नी सदैव उस पर शक करती रहती है। माना जाता है कि पति चाहे जितनी भी कोशिश कर ले उसे अपनी पत्नी से प्यार नहीं मिल पाता। साथ ही ऐसे पति-पत्नी के बीच बात-बात पर लड़ाई भी खूब होती है। मालूम हो कि स्त्री ऋणदोष होने पर व्यक्ति को पत्नी के अलावा मां, बहन और अन्य स्त्रियों से भी सम्मान नहीं मिलता।

पितृ दोष कैसे पता चलेगा?

व्यक्ति की कुण्डली में एक ऎसा दोष है जो इन सब दु:खों को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है। कुंडली सूर्य व राहु की युति बन रही हो या सूर्य राहु का दृष्टि संबद्ध हो तब भी पितृ दोष माना जाता है। यदि पितृ दोष का निवारण न किया जाए तो पीढ़ी दर पीढ़ी कुंडली मे बनता रहता है।

सबसे बड़ा गोत्र कौन सा होता है?

सबसे पहले गोत्र सप्तर्षियों के नाम से प्रचलन में आए. सप्तर्षियों मे गिने जाने वाले ऋषियों के नामों में पुराने ग्रथों (शतपथ ब्राह्मण और महाभारत) में कुछ अंतर है. इसलिए कुल नाम- गौतम, भरद्वाज, जमदग्नि, वशिष्ठ (वशिष्ठ), विश्वामित्र, कश्यप, अत्रि, अंगिरा, पुलस्ति, पुलह, क्रतु- ग्यारह हो जाते हैं.

भारद्वाज कौन सी जाति में आते हैं?

भारद्वाज एक भारतीय उपनाम है जो बरनवाल, ब्राह्मण का एक गोत्र हैं।

12 What is rajju dosha in kundli in hindi Images

Post a Comment for "What Is Rajju Dosha In Kundli In Hindi"